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कोरोना पीड़ितों की सहायता हेतु 5.70 लाख रुपये का सहयोग
हमारी भारतीय संस्कृति के अनुसार सम्पूर्ण वसुधा (पृथ्वी) ही हमारा कुटुम्ब (परिवार) है क्योंकि हम सभी उस एक ईश्वर की संतान हैं, उसके सनातन अंश हैं।
Read MoreWhat Our Soul Is Seeking For
The word God is very common. Everyone knows this particular word. Then what is meant by the word God? Seldom people know. In our Vedas, it says, “As you know Him, you find Him.”
Read Moreकिस बात का अहंकार ?
मनुष्य की सारी आयु सारहीन चीजों के अहंकार में ही व्यतीत हो जाती है और इसी निरर्थक अहंकार के कारण ही अनादिकाल से आजतक हम न किसी भगवान के अवतार के आगे शरणागत हो सके न महापुरुषों के।
Read Moreअच्छा कहलाने का नहीं अच्छा बनने का प्रयास करें
हमारी एक सबसे बड़ी गलती के कारण ही आज तक हम अपने परम चरम लक्ष्य आनंदप्राप्ति से वंचित हैं और आज भी माया के थपेड़े सहते हुए निरंतर दुःख भोग रहे हैं।
Read Moreभागवत में श्री राधा का वर्णन क्यों नहीं है?
कुछ भोले-भाले लोग जिन्हें किसी वास्तविक संत का सान्निध्य प्राप्त नहीं है वे ऐसी शंका करते हैं कि श्री राधा का वर्णन भागवत में क्यों नहीं है?
Read Moreराधारानी का दरबार सबसे ऊँचा क्यों ?
सर्वोच्च रस की प्राप्ति के लिए माधुर्य भाव-युक्त भक्ति में महारसिकों का अधिक झुकाव श्री राधारानी के प्रति होता है।
Read Moreक्रोध पर क्रोध करें किसी और पर नहीं
कई लोग अपने जीवन में बात-बात पर क्रोध का प्रदर्शन करके स्वयं को बड़ा ताकतवर समझते हैं लेकिन वास्तव में यह क्रोध मनुष्य की ताकत नहीं, एक कमजोरी है, बहुत बड़ा दुर्गुण हैं।
Read Moreकृपासिंधु भगवान
उनकी हर चीज़ अनंत है। नाम अनंत, रूप अनंत, धाम अनंत, जन अनंत, शक्तियाँ अनंत। उनकी कोई भी चीज़ सीमित है ही नहीं। इसी प्रकार उनके गुण भी अनंत हैं।
Read Moreश्री राधा कौन हैं ?
जो राधा हैं वही श्री कृष्ण हैं। केवल लीला करने के लिए, भक्तों को सुख प्रदान करने के लिए एक ही पूर्णतम पुरुषोत्तम ब्रह्म ने अपने दो रूप बना लिए। इनका देह भी एक है।
गुरु महिमा अपरंपार
"गुरु" दो अक्षर के इस छोटे से शब्द में सम्पूर्ण आध्यात्मिक जगत समाहित है। गुरु तत्त्व की शरणागति के बिना आध्यात्मिक जगत में किसी जीव का प्रवेश ही नहीं हो सकता।
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