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September 24, 2024

जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज की प्रचारिका सुश्री श्रीधरी दीदी द्वारा भक्ति संदेश!

सारा विश्व दान करो गोविंद राधे। तो भी गुरु ऋण ते ना उऋण करा दे ।। ( राधा गोविंद गीत )
सद्गुरु कृपाकांक्षी भक्तवृन्द ! जय श्री राधे !
इस अगाध भवसिंधु में डूबते हुए, अकुलाते हुए जीवों के लिए सद्गुरु ही एकमात्र आश्रय हैं ।

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August 13, 2024

संसार मृगतृष्णा के समान है

आनंद-ब्रह्म का अंश होने के कारण प्रत्येक जीव अनादिकाल से एकमात्र आनंद ही प्राप्त करना चाहता है। यही जीव का परम चरम लक्ष्य है -
सुखाय कर्माणि करोति लोको न तै: सुखं वान्यदुपारमं वा।
विंदेत भूयस्ततएव दुःखं यदत्र युक्तं भगवान्वदेन्न:(भागवत : 3-5-2)

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June 11, 2024

भागवत में श्री राधा का वर्णन क्यों नहीं है ?

कुछ भोले-भाले लोग जिन्हें किसी वास्तविक संत का सान्निध्य प्राप्त नहीं है वे ऐसी शंका करते हैं कि श्री राधा का वर्णन भागवत में क्यों नहीं है? श्रीमद्भागवत तो सर्वश्रेष्ठ महापुराण है जिसमें श्री कृष्ण लीलाओं का विशेष निरूपण किया गया है फिर उसमें कहीं राधा तत्त्व का निरूपण क्यों नहीं है?

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May 30, 2024

भक्ति का अधिकारी कौन है

समस्त वेदों-शास्त्रों में भक्ति को ही भगवत्प्राप्ति का एक मात्र मार्ग बताया गया है।
भक्तिरेवैनं नयति भक्तिरेवैनं पश्यति भक्तिरेवैनं दर्शयति
भक्तिवशः पुरुषः भक्तिरेव भूयसी
(माठर श्रुति)

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November 11, 2019

किस बात का अहंकार ?

मनुष्य की सारी आयु सारहीन चीजों के अहंकार में ही व्यतीत हो जाती है और इसी निरर्थक अहंकार के कारण ही अनादिकाल से आजतक हम न किसी भगवान के अवतार के आगे शरणागत हो सके न महापुरुषों के।

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November 4, 2019

अच्छा कहलाने का नहीं अच्छा बनने का प्रयास करें

हमारी एक सबसे बड़ी गलती के कारण ही आज तक हम अपने परम चरम लक्ष्य आनंदप्राप्ति से वंचित हैं और आज भी माया के थपेड़े सहते हुए निरंतर दुःख भोग रहे हैं।

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October 27, 2019

भागवत में श्री राधा का वर्णन क्यों नहीं है?

कुछ भोले-भाले लोग जिन्हें किसी वास्तविक संत का सान्निध्य प्राप्त नहीं है वे ऐसी शंका करते हैं कि श्री राधा का वर्णन भागवत में क्यों नहीं है?

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October 24, 2019

राधारानी का दरबार सबसे ऊँचा क्यों ?

सर्वोच्च रस की प्राप्ति के लिए माधुर्य भाव-युक्त भक्ति में महारसिकों का अधिक झुकाव श्री राधारानी के प्रति होता है।

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October 15, 2019

क्रोध पर क्रोध करें किसी और पर नहीं

कई लोग अपने जीवन में बात-बात पर क्रोध का प्रदर्शन करके स्वयं को बड़ा ताकतवर समझते हैं लेकिन वास्तव में यह क्रोध मनुष्य की ताकत नहीं, एक कमजोरी है, बहुत बड़ा दुर्गुण हैं।

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October 5, 2019

कृपासिंधु भगवान

उनकी हर चीज़ अनंत है। नाम अनंत, रूप अनंत, धाम अनंत, जन अनंत, शक्तियाँ अनंत। उनकी कोई भी चीज़ सीमित है ही नहीं। इसी प्रकार उनके गुण भी अनंत हैं।

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